Bijli Chori Alert: बिजली चोरों की बढ़ी मुसीबत! सरकार ने उठाया बड़ा और सख्त कदम, अब जाएंगे जेल

राजस्थान सरकार ने बिजली चोरी को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। डीग और आसपास के क्षेत्रों में हालिया छापेमारी में 32 अवैध कनेक्शनों का पता चला, जिसके परिणामस्वरूप 14 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। अब, स्मार्ट मीटर और एआई सिस्टम के माध्यम से निगरानी को और भी मजबूत किया जाएगा।

राजस्थान अब बिजली की चोरी पर प्रभावी ढंग से अंकुश लगाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। राज्य सरकार ने बिजली वितरण प्रणाली को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। इस प्रयास के तहत, शनिवार देर रात बिजली निगम की सतर्कता टीमों ने डीग और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में अचानक छापे मारे और कई अनियमितताओं का खुलासा किया।

अधिकारियों के अनुसार, इस ऑपरेशन में 32 जगहों पर मीटरों के साथ छेड़छाड़ और अवैध कनेक्शन जैसे गंभीर उल्लंघन पाए गए। निगम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोषियों पर 14 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि बिजली चोरी करने वालों को किसी भी परिस्थिति में बख्शा नहीं जाएगा।

Table of Contents

  • रात में चला सघन अभियान
  • संगठित योजना के तहत चला ऑपरेशन
  • चेतावनी और अपील: बिजली चोरी अपराध है
  • पारदर्शिता और तकनीक आधारित निगरानी

रात में चला सघन अभियान

शनिवार की रात, निगम की विभिन्न टीमें एक साथ कार्रवाई में उतरीं। सतर्कता अधिकारियों ने डीग शहर और आसपास के गांवों में घर-घर जाकर मीटरों और कनेक्शनों का निरीक्षण किया। कई जगहों पर उपभोक्ताओं को सीधे लाइनों से बिजली लेते हुए पाया गया, जबकि कुछ स्थानों पर मीटरों को बाईपास करने के तरीके अपनाए जा रहे थे।

टीमों ने मौके पर ही अवैध रूप से लगाए गए तारों को हटा दिया और मीटरों को जब्त कर लिया। जांच में यह भी सामने आया कि कई घरों में एसी, कूलर और अन्य भारी उपकरणों को चोरी की बिजली से चलाया जा रहा था। इससे न केवल विभाग को राजस्व का नुकसान हो रहा था, बल्कि सामान्य उपभोक्ताओं की बिजली आपूर्ति भी प्रभावित हो रही थी।

संगठित योजना के तहत चला ऑपरेशन

यह विशेष अभियान एक अच्छी तरह से तैयार की गई रणनीति और समन्वय के साथ किया गया। विभाग की चार टीमों ने डीग, जनूथर, खोह, चुल्हैरा, भियाड़ी, पहलवाड़ा और सामई जैसे गांवों में दबिश दी। अधिशाषी अभियंता मनोज वर्मा ने कहा कि यह कार्रवाई उच्च अधिकारियों के निर्देशों पर की गई है ताकि बिजली चोरी पर स्थायी रूप से नियंत्रण स्थापित किया जा सके।

वर्मा ने जोर देकर कहा कि यह केवल शुरुआत है; आने वाले दिनों में इसी तरह के अभियान नियमित रूप से चलाए जाएंगे। उनका कहना है कि अब ऐसे मामलों से सख्ती से निपटा जाएगा ताकि सभी उपभोक्ताओं को समान प्रणाली का लाभ मिल सके।

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चेतावनी और अपील: बिजली चोरी अपराध है

विद्युत विभाग ने जनता को स्पष्ट रूप से सूचित किया है कि अवैध कनेक्शन प्राप्त करना या मीटरों के साथ छेड़छाड़ करना कानूनी अपराध है। पकड़े जाने पर न केवल भारी जुर्माना लगाया जाएगा, बल्कि कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। विभाग का कहना है कि बिजली की चोरी से पूरी आपूर्ति प्रणाली बाधित होती है और ईमानदार उपभोक्ताओं को नुकसान होता है।

पारदर्शिता और तकनीक आधारित निगरानी

राज्य की नई ऊर्जा नीति पारदर्शिता और जवाबदेही पर केंद्रित है। सरकार स्मार्ट मीटरिंग, रियल-टाइम मीटर रीडिंग और एआई-आधारित निगरानी प्रणाली जैसे आधुनिक तकनीकी उपायों को तेजी से लागू कर रही है। इन कदमों से बिजली चोरी की घटनाओं में काफी कमी आने की उम्मीद है।

लाइन लॉस को कम करना, वितरण प्रणाली को मजबूत करना और उपयोगकर्ताओं को सटीक बिलिंग प्रदान करना अब प्राथमिकताएं हैं। सरकार का स्पष्ट दृष्टिकोण है कि जो उपभोक्ता नियमित रूप से बिलों का भुगतान करते हैं, उन्हें अब दूसरों की गलतियों का खामियाजा नहीं भुगतना पड़ेगा। प्रत्येक यूनिट की कीमत पारदर्शी और उचित होगी।

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